Tuesday 5 May 2015

प्रधानमंत्री ने बुनियादी ढांचा क्षेत्र के बारे में उच्‍च स्‍तरीय बैठक की अध्‍यक्षता की




प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने शनिवार को नई दिल्‍ली में बुनियादी ढांचा क्षेत्र के बारे में उच्‍च स्‍तरीय बैठक की अध्‍यक्षता की। देश में बुनियादी ढांचा परिदृश्‍य पर व्‍यापक विचार करने के अलावा, बैठक में ग्रामीण ढांचे, बिजली, कोयला, नवीकरणीय ऊर्जा और पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस जैसे विशेष क्षेत्रों
पर ध्‍यान केन्द्रित किया गया।
प्रधानमंत्री ने बुनियादी ढांचा क्षेत्र से संबंधित रुकी हुई परियोजनाओं की समीक्षा की। बैठक में प्रधानमंत्री को उन उपायों से अवगत कराया गया, जो भारत की स्‍वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के लिए प्रधानमंत्री के विजन के अनुसार बुनियादी ढांचा निर्माण में वृद्धि के लिए उठाए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने इस बात की आवश्‍यकता पर बल दिया कि सरकारी विभागों को वित्‍तीय वर्ष के प्रारंभ से ही संकेन्द्रित ढंग से काम करना चाहिए ताकि बजट को खर्च करने की प्रक्रिया प्रारंभ हो सके। बैठक में चालू वित्‍त वर्ष के दौरान अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए विभिन्‍न मंत्रालयों द्वारा तैयार की गई योजनाओं की विस्‍तृत जानकारी प्रधानमंत्री को दी गई। प्रधानमंत्री ने कहा कि शौचालयों, सस्‍ते मकानों और स्‍मार्ट शहरों जैसे वरीयता क्षेत्रों के बारे में आंकड़े एकत्र और प्रस्‍तुत करें। उन्‍होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों की प्राथमिकताओं में कचरे का सदुपयोग करना और गंदे पानी की निकासी के लिए सक्षम प्रणालियों का निर्माण तथा 500 शहरों में ठोस कचरे का प्रबंधन जैसी बातों को शामिल किया जाना चाहिए।
ग्रामीण ढांचे की समीक्षा करते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने निर्देश दिया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों को सर्वोच्‍च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्‍होंने कहा कि सभी बांध परियोजनाओं की सिंचाई क्षमता का अधिकतम संभव उपयोग किया जाना चाहिए।
विद्युत क्षेत्र में प्रधानमंत्री ने इस बात पर फिर जोर दिया कि बिजली रहित सभी गांवों का शीघ्र विद्युतीकरण किया जाना चाहिए। इस बारे में एक कार्ययोजना प्रधानमंत्री को सौंपी गई। प्रधानमंत्री ने नवीकरणीय ऊर्जा के बारे में हुई प्रगति का जायजा लिया और इस क्षेत्र पर अधिकतम ध्‍यान केन्द्रित करने की आवश्‍यकता दर्शायी। उन्‍होंने कहा कि रेलवे स्‍टेशनों जैसे सार्वजनिक स्‍थलों को ऊर्जा सक्षम प्रौद्योगिकियों और नवीकरणीय ऊर्जा के लिए वरीयता क्षेत्र समझा जाना चाहिए।
बैठक में केन्‍द्रीय मंत्री श्री अरुण जेटली, नितिन गडकरी, रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल, धर्मेन्‍द्र प्रधान, सुरेश प्रभु और अशोक गजपति राजू उपस्थित थे। इसके साथ नीति आयोग के वरिष्‍ठ अधिकारी, विभिन्‍न बुनियादी ढांचा मंत्रालयों और प्रधानमंत्री कार्यालय के वरिष्‍ठ अधिकारी भी बैठक में मौजूद थे।



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