Saturday 30 May 2015

मुद्रा योजना के तहत अगले हफ्ते से शुरू हो जाएगा कर्ज मिलना

mudra bank is to be start from next week

मुद्रा योजना के तहत अगले हफ्ते से शुरू हो जाएगा कर्ज मिलना
शिशिर चौरसिया
नई दिल्ली। छोटे, मझोले एवं सूक्ष्म उद्योगों से लेकर साइकिल ठीक करने वाले, पंचर लगाने वाले, पतंग बनाने वाले, मटकी बनाने वाले, चाय-पान बेचने वाले और पंसारी जैसे छोटे कारोबारियों को भी सस्ती ब्याज दरों पर कर्ज देने की योजना अगले सप्ताह से शुरू हो जाएगी ।
इसके लिए रिजर्व बैंक ने माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनांस एजेंसी लिमिटेड (मुद्रा) बैंक को शुरुआती कामकाज करने के लिए 5,000 करोड़ रुपये हस्तांतरित कर दिया है। इससे छोटे कारोबारियों को 10 लाख रुपये तक का कर्ज 10 फीसदी से भी कम ब्याज दर पर मिल सकेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत 8 अप्रैल को की थी।
केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि रिजर्व बैंक में मुद्रा को नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (एनबीएफसी) के रूप में पंजीकृत करा लिया गया है और इसके पूर्णकालिक मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक जीजी मैमन को नियुक्त किया जा चुका है। इसका मुख्यालय मुंबई में बनाया गया है और यह उसी तरह काम करेगा जैसे कि आवासीय क्षेत्र में सस्ते ऋण उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय आवास बैंक काम करता है।
उन्होंने बताया कि मुद्रा बैंक का काम अब शुरू हो जाएगा क्योंकि इसे रिजर्व बैंक ने शुरू में 5,000 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध करा दी है। हालांकि मुद्रा बैंक ने रिजर्व बैंक से 20,000 करोड़ रुपये की राशि मांगी थी, लेकिन फिलहाल 5,000 करोड़ रुपये ही मिले हैं। आगे जिस हिसाब से जरूरत पड़ेगी उसे राशि मिलती रहेगी।
प्रधानमंत्री ने इस योजना की शुरुआत करते हुए कहा था कि जिन कारोबारी या उद्यमी को पहले कोई ऋण नहीं देता था, उसे भी अब बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान से कर्ज मिल सकेगा। सबसे अच्छी बात तो यह है कि इसके लिए कारोबारियों को कहीं से जमानतदार ढूंढने की आवश्यकता नहीं रहेगी। इस योजना के तहत ऋण लेने वालों से ब्याज 10 फीसदी से कम लिया जाएगा। सरकार का कहना है कि इस योजना का दायरा अधिक से अधिक कारोबारियों तक फैले, इसके लिए इसमें पात्रता के लिए आसान नियम तय किये गए हैं। छोटे कारोबारी सरकारी बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, राज्य सहकारी बैंकों या फिर शहरी सहकारी बैंकों से यह ऋण ले सकते हैं।
वित्त मंत्रालय की योजना है कि एनबीएफसी के रूप में पंजीकृत कराये गए इस संस्थान को एक साल के अंदर बैंक में बदला जाए। ऐसा करने के लिए संसद से एक विधयेक पारित कराया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक छोटे उद्यमियों को बैंकों या अन्य वित्तीय संस्थानों से ऋण मिलेगा और मुद्रा बैंक उसके लिए रिफाइनेंस करेगा। इसके लिए 7 फीसदी ब्याज वसूला करेगा। बैंक यदि अपने खर्च के लिए दो-ढाई फीसदी भी चार्ज करे, तो ग्राहकों को 10 फीसदी से कम ब्याज पर ऋण मिल जाएगा।
रिजर्व बैंक ने मुद्रा बैंक को उपलब्ध कराए
5000 करोड़
छोटे कारोबारियों को 10 फीसदी से भी कम ब्याज पर आसानी से मिल सकेगा कर्ज
10 फीसदी से भी कम ब्याज पर दिया जाएगा लोन

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